
चंडीगढ़ : विश्व थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर लिवासा अस्पताल, मोहाली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसका विषय था “थैलेसीमिया मेजर: हालिया प्रगति और भविष्य की संभावनाएं”। इस आयोजन का उद्देश्य थैलेसीमिया जैसे गंभीर आनुवंशिक रक्त विकार के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना और इसके उपचार में हाल ही में हुई प्रगति तथा भविष्य की दिशा पर संवाद स्थापित करना रहा।
सम्मेलन को डॉ. मुकेश चावला, वरिष्ठ सलाहकार – हीमैटोलॉजी एवं बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन, तथा डॉ. अनमोल सिद्धू, सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ ने संबोधित किया। विशेषज्ञों ने समय पर निदान, समग्र उपचार तथा सामाजिक जागरूकता के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे इन प्रयासों से थैलेसीमिया के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लिवासा अस्पताल ने एक बार फिर अपने समर्पण और सामाजिक उत्तरदायित्व को दर्शाया, जिससे थैलेसीमिया से प्रभावित व्यक्तियों को बेहतर जीवन की दिशा में सहायता मिल सके।
इस अवसर पर लिवासा अस्पताल के निदेशक एवं सीईओ, डॉ. पवन कुमार ने कहा कि विश्व थैलेसीमिया दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि आनुवंशिक रक्त विकारों से जुड़ी चुनौतियों से निपटना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। लिवासा अस्पताल इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जहां हम थैलेसीमिया के लिए नवीनतम उपचार विकल्प उपलब्ध करवा रहे हैं, साथ ही रोग की रोकथाम, प्रारंभिक पहचान और निरंतर देखभाल को लेकर जन-जागरूकता भी बढ़ा रहे हैं। यह आयोजन चिकित्सा विशेषज्ञों और समुदाय के बीच इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विषय पर सार्थक संवाद की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
डॉ. अनमोल सिद्धू, सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ, ने कहा कि बाल रोग देखभाल में थैलेसीमिया का प्रबंधन केवल चिकित्सा उपचार तक सीमित नहीं होता; इसमें दीर्घकालिक योजना, पारिवारिक सहयोग और समय पर स्क्रीनिंग भी आवश्यक होती है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “जैसे-जैसे अधिक बच्चों की प्रारंभिक अवस्था में पहचान हो रही है, हमारे पास सामान्य विकास, समुचित वृद्धि और जीवन की गुणवत्ता बेहतर करने के अधिक अवसर हैं, बशर्ते देखभाल एक बहु-आयामी दृष्टिकोण से की जाए।