
चंडीगढ़ : काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्ज़ामिनेशंस (सीआईएससीई) से संबद्ध 2000 से अधिक स्कूलों के प्रिंसिपल और प्रमुखों की उपस्थिति के साथ 68वां एजीएम एवं राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन चंडीगढ़ में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। “बिल्डिंग स्ट्रॉन्गर स्कूल्स टुगेदर (Building Stronger Schools Together)” थीम पर आधारित यह तीन दिवसीय सम्मेलन 19 से 21 नवंबर 2025 तक एकेएम रिज़ॉर्ट्स, ज़िरकपुर, पंजाब में आयोजित किया गया।
सम्मेलन ने देशभर के शैक्षणिक नेतृत्व को एक मंच पर लाते हुए स्कूल शिक्षा में उभरते रुझानों, कौशल-आधारित पाठ्यक्रम, समावेशी शिक्षण प्रणालियों, प्रौद्योगिकी एकीकरण और वैश्विक शिक्षा मॉडल पर सामूहिक विमर्श का अवसर प्रदान किया।
उद्घाटन सत्र में राज्यसभा सांसद एवं प्रख्यात शिक्षाविद डॉ. अशोक मित्तल ने मुख्य संबोधन दिया, जबकि 21 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एवं कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस (सेवानिवृत्त) विक्रमजीत सेन मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।
सम्मेलन के दौरान प्रतिभागियों ने थीमैटिक चर्चाओं, विशेषज्ञ प्रस्तुतियों, परामर्श सत्रों और कार्यशालाओं में सहभागिता की, जिनका उद्देश्य CISCE स्कूलों में शैक्षणिक उत्कृष्टता, प्रशासनिक दक्षता, शिक्षक विकास, विद्यार्थी कल्याण और आधुनिक शिक्षण परिवेश को मजबूत करना था।
भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षाओं की परिषद (CISCE) के वरिष्ठ नेतृत्व ने पूरे सम्मेलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। CISCE के चेयरमैन डॉ. जी. इम्मानुएल ने कहा: “शिक्षा तब विकसित होती है जब नेता उद्देश्य के साथ एकजुट होते हैं। सहयोग और प्रगतिशील नीतियों के माध्यम से हम ऐसे स्कूल तैयार कर रहे हैं जहाँ हर बच्चे के पास सफलता की शक्ति हो।”
इस अवसर पर सीआईएससीई द्वारा विकसित आठ महत्वपूर्ण नीतिगत दस्तावेज़ों, हैंडबुक्स और संसाधन सामग्रियों का भी औपचारिक विमोचन किया गया।
सम्मेलन का एक प्रमुख आकर्षण रहा प्रतिष्ठित डेरोज़ियो अवॉर्ड्स 2025 का वितरण, जिसके अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले शिक्षकों एवं संस्थानों को सम्मानित किया गया।
CISCE के मुख्य कार्यकारी एवं सचिव डॉ. जोसेफ इमैनुएल ने कहा:“हमारा लक्ष्य ऐसे छात्रों को तैयार करना है जो केवल दुनिया से प्रतिस्पर्धा ही नहीं करते, बल्कि उसमें योगदान भी देते हैं—ऐसे युवा जो वैश्विक दृष्टि से सोचते हैं, जिम्मेदारी से कार्य करते हैं, और अवसर तथा नवाचार के माध्यम से समाज को आगे बढ़ाते हैं।”
आयोजन क्षेत्र की सचिव सुश्री निर्मल कौर ने देशभर से आए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए सामूहिक प्रोजेक्ट्स एवं सतत सहयोग के महत्व को रेखांकित किया।
सार्थक संवाद, ठोस संकल्पों और भविष्य-उन्मुख कार्ययोजनाओं के साथ 68वां एजीएम और राष्ट्रीय सम्मेलन पूर्ण हुआ। सम्मेलन ने आने वाले वर्षों में देशभर के सीआईएससीई स्कूलों की दिशा तय करने वाला शैक्षणिक मार्ग प्रशस्त किया तथा शिक्षा में उत्कृष्टता के प्रति परिषद की प्रतिबद्धता को और अधिक मजबूत बनाया।

